2022 मे कनाडा में स्टडी परमिट धारकों के टॉप 10 मूल देशओ मे भारत सबसे आगे है ,जिसमे कुल 3,21,000 छात्र थे तथा कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने कहा की सीमा लगाकर सरकार कुछ छोटे संथाओ पर कार्यवाही कर रही है ओर उन्होंने कहा की सरकार के इस कदम से सरकार को ‘bad actors’ को रोकने में मदद मिलेगी ।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!क्या कारण है की इंटेरनेशनल स्टूडेंट वीजा को समय सीमा मे बांध रहा है ?
कनाडा सरकार का यह फैसला लेने के पीछे मुख्य कारण वह का आवास संकट है । तथा दूसरा कारण संस्थागत “बुरे तत्वों ” को टारगेट करने के लिए नए अन्तराष्ट्रिय छात्र वीजा पर तत्काल दो साल की सीमा लगा रहा है । इसका असर उन भारतीय स्टूडेंट पर पड़ने की संभावना है जो कनाडा में पढाई करने की प्लानिंग कर रहे है ,ग्लोबल न्यूज मिलर ने कहा है कनाडा में अस्थाई निवास के एक स्थाई स्तर को बनाए रखने के लिए, साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए की 2024 मे कनाडा में अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स की संख्या में बढ़ोतरी ना हो, हम 2024 से 2 वर्षों के लिए एक राष्ट्रीय आवेदन प्रवेश सीमा निर्धारित कर रहे है । CBC न्यूज के अनुसार , यह कदम कनाडा में प्रवेश करने वाले गैर – स्थायी निवासियों की बढ़ती संख्या को लेकर प्रांतों की ओर से सरकार पर दबाव के चलते यह कदम उठाया है । ओर इसका मुख्य कारण है की देश आवासीय संकट से झुंज रहा है ।
पिछले कुछ सालों मे तीन गुणा से ज्यादा बढ़ोतरी हुए है ,इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या में
मिलर ने कहा था की इंटरनेशनल स्टूडेंट्स पर समय सीमा लगाने से कनाडा की आवासीय व्यवस्था में सुधार होगा तथा कनाडा के आवास में “वन साइज “सभी के लिए उपर्युक्त समाधान नहीं होगा । 2022 मे लगभग 8000000 से भी ज्यादा वीजा इंटरनेशनल स्टूडेंट को अस्थायी पढ़ाई के लिए जारी किए थे . मिलर ने यह भी कहा था की पिछले 10 सालों मे इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की संख्या मे 3 गुणा की वृद्धि हुए है ।